चाहमानकालीन सामाज में नारी - एक विमर्श

  • Rachna Kumar
Keywords: चाहमानकालीन सामाज में नारी

Abstract

चाहमान वंश ने भारतीय सामाजिक संरचना और धार्मिक चिंतन में अभिनव दृष्टि का संचार किया। इन राजाओं में अर्णोराज, विग्रहराज चतुर्थ अपर गांगेय एवं पृथ्वीराज तृतीय आदि प्रमुख हैं। उन्होंने भारतीय सामाज को उत्कर्ष की दिशा में ले जाने के लिए मन लगाकर काम किया। फिर भी राजपूत काल में स्त्रियों की दशा अपेक्षाकृत बंधनयुक्त और संकुचित थी। मुस्लिम आक्रमणों के कारण स्त्रियों की सुरक्षा के लिए तत्कालीन सामाजिक धार्मिक विश्लेषकों ने उनके लिए अनेक कठोर नियम और निर्देश बनाए तथा उनके अनुपालन के लिए व्यवस्था की थी। कुछ विषयों में उनकी स्थिति दयनीय थी और उनकी स्वतंत्रता सिमट रही थी।

Published
2020-01-31
How to Cite
Kumar, R. (2020). चाहमानकालीन सामाज में नारी - एक विमर्श. Bodhi Path, 18(1), 45-54. Retrieved from https://www.bodhi-path.com/index.php/Journal/article/view/37